यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: ( The Ultimate Scientific Statement )
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: ( The Ultimate Scientific Statement )
भारतीय संस्कृति
में क्यों कहा गया कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता: । क्यों नारी को सदैव
खुश रखना एवं उसे देवतुल्य मानकर व्यवहार करना क्यों आवश्यक है ।
आइए जानते
हैं जानते हैं इसके पीछे छिपे गहरे सा विज्ञान को ।
विचार क्या है ( Science of Thought) :-
विचार
(जिसे सोच भी कहा जाता
है) मानसिक प्रक्रिया है जिसमें प्राणी
दुनिया के मनोवैज्ञानिक Model
का निर्माण करते हैं। एक विचार बहुत
सारे चित्र (Images) , वीडियो ( Video) , आवाज़ों ( Audio) एवम् भावनाओं (Feelings) से
मिलकर बनता है ।
हमारे मस्तिष्क की फ्रंटललोब विचारों के लिए उत्तरदाई होती है । सभी विचार हमारे मस्तिष्क ( Neurons) मैं
KB ,MB, GB एवं TB की डाटा फाइल्स के रूप में Store या जमा होते हैं। हमारा मस्तिष्क
उन विचारों को Brain Waves या Electromagnetic Waves के रूप में हर समय (24X7 ) बाहर
अंतरिक्ष या स्पेस में उत्सर्जित करता रहता है ।
हम सभी जानते हैं की जैसा
हम सोचते हैं विचार ते हैं या जो Thoughts या विचार हमारे दिमाग में जमा रहते हैं वही
हमारे व्यक्तित्व में नजर आते हैं , अर्थात दिमाग में मौजूद विचार ही हमारा यह हमारे
व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं । विचार शक्ति को मन कहा गया है। विचार ही मनुष्य के
व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं। अ'छे विचारों से व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है
और बुरे विचारों से उसके व्यक्तित्व का ह्नास होता है।
Evolutionof theory of Water as Liquid Computer:-
पानी
(Water H2O ) एक
liquid Storage Device की तरह
काम
करता
है।
जल
मैं
सूचनाओं
को
संग्रहित
एवं
स्थानांतरित
( Store & Transfer ) की क्षमता भी
होती
है । वैज्ञानिक अनुसंधान
के
अनुसार
जल
की
एक
बूंद
कई
Terabyte तक इंफॉर्मेशन (Data) स्टोर कर सकती
है ।
यह
वैज्ञानिक
रूप
से
सिद्ध
किया
जा
चुका
है
की
जल
अपने
आसपास
के
वातावरण
में
मौजूद
सभी
विचार
या
Vibrations
या
Brain Waves
को
Information के रूप
में
Store
कर
सकता
है
।
जब भी हम
खाना खाते हैं तो हम खाने के साथ उसमें मौजूद विचारों को भी अपने अंदर ले लेते हैं
। खाया हुआ खाना हमें एनर्जी देकर मल के रूप में बाहर निकल जाता है लेकिन उसमें मौजूद
विचार सीधे तौर पर हमारे Sub-Conscious माइंड पर स्टोर हो जाते हैं । (अवचेतन मन के
स्तर पर ) । घाट घाट का पानी पिया हुए
आदमी इसीलिए समझदार कहा जाता है ,क्योंकि उसे जगह जगह के विचार या जानकारियां
( Knowledge) वहां के पानी पीने से मिल जाती है ।
विचार हमें
खाने के साथ मिलते हैं। मतलब जो खाना बना रहा है वो जैसे विचार करता है , हमारा यानी
उस खाने को खाने वाला व्यक्ति भी उन विचारों के कारण धीरे धीरे वैसा ही बन जाता है।
इसीलिए कहा गया कि :- जैसा खावे अन्न , वैसा होवे मन। सबसे ज्यादा Active Water Content Food आइटम्स मैं
होता है और अधिकतर सभी अधिकतर खाद्य व
पेय
सामग्रियां रसोईघर व फूड स्टोरेज रूम मैं पाए जाते हैं। इन दोनों
ही जगहों पर 90% प्रेजेंस घर की औरतों की होती है अतः इन जगहों पर उपलब्ध या रखे हुए
सभी पदार्थों में वाइब्रेशन या विचार भी घर की नारी या महिलाओं के होते हैं ।
औरत
नारी
या
महिला घर में
खुशी से रहेगी ,तो
वो खुशी एवम् समृद्धि के ही विचार
अपने मन मे रखेगी
और खुशहाली के विचारों वाला
खाना खाने से घर के
सभी सदस्य भी सदा खुश
रहेंगे।
इसीलिए कहा गया
की : -यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:
इसलिए परिवार व
समाज
को
खुश
एवं
सुखी
इतना चाहते
हैं
तो
आज और अभी
से
ही
नारी
का सम्मान
करना
उसे
खुश
रखना
शुरू
करें
।
वरना
आपकी
पूरी
भावी
पीढ़ी
ही
कुसंस्कारित
हो
जाएगी
।
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